•जानिए सूर्य योग क्या होता हैं ?•जाने इसके प्रभाव एवं परिणाम
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सूर्य को प्रतिष्ठा और सफलता का कारक ग्रह माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अन्य ग्रहों के साथ इसका कुछ ऐसी युतियां हैं जो अगर किसी भी कुंडली में हो तो वह व्यक्ति को विशेष बनाता है। ऐसे लोगों को हमेशा ही सफलता, धन-वैभन, सामाजिक मान-सम्मान और पद-प्रतिष्ठा मिलती है। जिस व्यक्ति पर सूर्य की कृपा हो जाए उसे जीवन में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है। कुंडली में सूर्य योग भी कुछ ऐसा ही है।
यदि सूर्य ग्रह किसी जन्म कुंडली में अशुभ हो जाए तो जातक को अत्यंत प्रयास करने के बाद भी अपने कार्यों में सफलता हासिल नहीं हो पाती है। नौकरी और करियर या बिजनेस में तरक्की पाने के लिए तो सूर्य का शुभ होना अत्यंत जरूरी है। इसके बिना किसी भी व्यक्ति को सफलता मिल ही नहीं पाती है।सूर्य आत्मा राज्य यश पित्त दायीं आंख गुलाबी रंग और तेज का कारक है। सूर्य जगतपिता है|इसी की शक्ति से समस्त ग्रह चलायमान है,यह आत्मा कारक और पितृ कारक है | सूर्य से सम्बन्धित व्यक्ति पिता चाचा पुत्र और ब्रहमा विष्णु महेश आदि को जाना जाता है |सूर्य मेष राशि में उच्च का एवं तुला में नीच का हो जाता है | इसके साथ साथ सूर्य पुत्र राज्य सम्मान पद भाई शक्ति दायीं आंख चिकित्सा पितरों की आत्मा शिव और राजनीति का कारक है | वहीँ शुक्र का सूर्य के साथ संयोग नही हो पाता है,सूर्य गर्मी है और शुक्र रज है सूर्य की गर्मी से रज जल जाता है,और संतान होने की गुंजायस नही रहती है,इसी लिये सूर्य का शत्रु है | राहु सूर्य और चन्द्र दोनो का दुश्मन है,सूर्य के साथ होने पर पिता और पुत्र के बीच धुंआ पैदा कर देता है,और एक दूसरे को समझ नही पाने के कारण दोनो ही एक दूसरे से दूर हो जाते है |
जानिए कैसे बनायें सूर्य को अनुकूल
कुंडली में तृतीय भाव में सूर्य की उपस्थिति जातक की आय में वृद्धि करता है। वहीं अगर कोई व्यक्ति अन्याय सहता है या अन्याय देखकर मूक बना रहता है तो उसका सूर्य कमज़ोर बनता है। घर के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद पाकर और तीर्थयात्रा के ज़रिए कुंडली में सूर्य को अनुकूल बनाया जा सकता है।
जानिए आपकी जन्म कुंडली में सूर्य का प्रभाव
यदि कुंडली में सूर्य शुभ प्रभाव दे रहा है तो व्यक्ति आत्मविश्वासी बनता है और समाज को एक नई दिशा देता है। वहीं अगर सूर्य अशुभ स्थान में बैठा हो जो जातक निराशा की ओर चलने लगता है और उसे हड्डी से संबंधित रोग से ग्रस्त होकर ही अपना पूरा जीवन व्यतीत करना पड़ता है।
अगर किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में सूर्य अशुभ फल दे रहा है तो वह इन ज्योतिषीय उपायों से उसके दुष्प्रभाव को कम कर सूर्य देव को प्रसन्न कर उनकी कृपा दृष्टि पा सकता है।
ऐसे करें सूर्य योग के उपाय
प्रथम भाव में सूर्य योग का उपाय
पहले भाव में बैठकर सूर्य अशुभ फल दे रहा है तो उस व्यक्ति को अपने जीवन में सत्य का साथ देना चाहिए। सूर्य योग के लिए अपनी आय का एक हिस्सा जरूरतमंदों की सहायता में खर्च करें। इससे आपके जीवन के कष्ट कम हो पाएंगें।
दूसरे भाव में सूर्य योग का उपाय
जन्मकुंडली के दूसरे भाव में सूर्य अशुभ प्रभाव दे तो जातक झगड़ालू बनता है और अपनी तीखी बातों से अपना पतन कर लेता है। किसी की भी कुंडली में इस भाव का सूर्य होना जीवन में कलह का कारण होता है। सबसे बड़ी बात यह कि कलह का कारण भी व्यक्ति स्वयं ही होता है। इसलिए क्योंकि द्वितीय भाव का सूर्य व्यक्ति को झगड़ालू प्रवृत्ति का बनाता है जो हमेशा किसी ना किसी रूप में उसके जीवन में क्लेश पैदा करता है। ऐसी स्थिति में जातक को अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना चाहिए। धार्मिक स्थलों पर दान और सदाचार का पालन करें।
तृतीय भाव में सूर्य योग का उपाय
तृतीय भाव में सूर्य की उपस्थिति जातक की आय में वृद्धि करता है। वहीं अगर कोई व्यक्ति अन्याय सहता है या अन्याय देखकर मूक बना रहता है तो उसका सूर्य कमज़ोर बनता है। इस भाव का सूर्य व्यक्ति को पूरी तरह अपने कमाए हुए धन का स्वामी बनाता है, यानि ये पूरी तरह’सेल्फमेड’ इंसान होते हैं। दूसरों पर जुल्म होते देखकर भी अगर ये चुप रहें तो इनके जीवन में सूर्य के अच्छे प्रभाव कम हो जाते हैं और ये गरीबी का शिकार भी हो जाते हैं। इन्हें भूलकर भी बड़े-बुजुर्गों का अनादर नहीं करना चाहिए।घर के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद पाकर और तीर्थयात्रा के ज़रिए कुंडली में सूर्य को अनुकूल बनाया जा सकता है।
चतुर्थ भाव में सूर्य योग का उपाय
ऐसे लोगों को शुरुआती जीवन में कुछ कठिनाइयां मिल सकती हैं लेकिन एक बार सफल होने के बाद इन्हें पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं होती। अपनी मुश्किलें कम करने के लिए भिखारियों को भोजन कराना इनके लिए लाभप्रद होता है।जिस भी जातक की कुंडली के चतुर्थ भाव में सूर्य होता है, ऐसा व्यक्ति हमेशा ही अपने परिवार के अन्य सदस्यों से हटकर कार्य करता है। उन्हें सफलता मिलती है और वह ऐसी होती है कि उसकी हर कोई तारीफ करता है। इस भाव में सूर्य व्यक्ति को अपने जन्मस्थान से दूर ले जाता है। इस भाव में बैठे सूर्य को अनुकूल करने के लिए किसी नेत्रहीन व्यक्ति को 43 दिन तक भोज करवाएं और तांबे का सिक्का गले में धारण करवाएं।
पंचम भाव में सूर्य योग का उपाय
जन्मकुंडली के इस भाव का सूर्य होना व्यक्ति के युवाकाल में कोई विशेष बुरे परिणाम नहीं देता, लेकिन बाद के जीवन में उसकी संतान के लिए बाधाएं उत्पन्न करता है। इन्हें अक्सर पेट से जुड़ी परेशानियां होती हैं। सूर्य को नियमित अर्घ्य देना इस दोष को कम करता है।आपको लाल मुंह वाले बंदरों को गुड़-चना खिलाना चाहिए।
छठे भाव में सूर्य योग का उपाय
इस भाव में सूर्य व्यक्ति को अजातशत्रु बनाता है। रात को सिरहाने पानी रखकर सोएं। पिता के साथ मधुर संबंध बनेंगगें और उनकी आय में भी वृद्धि होगी। चांदी की वस्तु अपने पास रखें।लेकिन यही भाव उसके मातृ-पक्ष या मामा के लिए अच्छा नहीं होता। पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की इन लोगों को हमेशा ही नदी का जल अपने घर में रखना चाहिए तथा रात में सोने से पूर्व अपने सिर के पास जल से भरा कोई पात्र रखना चाहिए।
सप्तम भाव में सूर्य योग का उपाय
इस भाव में बैठे सूर्य का शुभ प्रभाव पाने के लिए खाने में नमक का प्रयोग कम करें। काली या बिना सींग वाली गाय की सेवा करें और भोजन करने से पूर्व रोटी का एक टुकड़ा रसोई की आग में डालें।
अष्टम भाव में सूर्य योग का उपाय
आपको अपने घर में सफेद रंग का कपड़ा ना रखें। किसी भी नए काम की शुरुआत से पहले मीठा खाकर पानी पीएं। बहती नदी में गुड प्रवाहित करें।
नवम भाव में सूर्य योग का उपाय
उपहार या दान में कभी भी चांदी की वस्तु ना लें। चांदी की वस्तुएं दान करें। क्रोध से बचें और वाणी में मधुरता लाएं।
दशम भाव में सूर्य योग का उपाय
इस भाव में सूर्य का शुभ प्रभाव पाने के लिए काले और नीले रंग के कपड़े ना पहनें। किसी बहती नदी में 43 दिन तक तांबे का सिक्का प्रवाहित करें। मांस-मदिरा के सेवन से बचें।
ग्यारहवे भाव में सूर्य योग का उपाय
आपको मांस और मदिरा के सेवन से बचना चाहिए। रात को सोते समय अपने सिरहाने बादाम या मूली रखकर सोएं। दूसरे दिन इन चीज़ों को मंदिर में दान कर दें।
बारहवे भाव में सूर्य योग का उपाय
अपने घर में एक आंगन जरूर बनाएं। धर्म का पालन करें। दूसरों की गलतियों के क्षमा कर दें। सूर्य की शांति के लिए सूर्य यंत्र की स्थापना अपने घर या ऑफिस में करें
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The actor, director and producer, son to well-known stunt choreographer of Bollywood, rried to one of the most vivacious, bubbly, live-wire actress, is none other than our dashing Ajay Devgan, originally named Vishal Devgan !
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12 May 2018
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AstroGuru Dr. Sunil Barmola is one of the renowned astrologers who has been in this astrological field since 15 years. He is skilled and proficient in providing fruitful astrological and vedic remedies along with vastu and Gemstone consultations across the vicinity of Delhi NCR...
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Joahn Doe Jan 2 , 2018 - Friday - Reply
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