भारतीय पौराणिककथाओं के अनुसार भगवान शिव को सम्पूर्ण संसार का कल्याणकारी देव ˜माना जाता है।कल्याणकारी बनाने के लिए प्रकट किया। इस एक मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव ने अपने नेत्रों से भू धरा पर गिरे प्रथम अश्रु बिंदु से उत्पन्न किया। इसलिए एक मुखी रुद्राक्ष को सबसे महत्वपूर्ण और कल्याणकारी रुद्राक्ष माना गया है।
एक मखी को साक्षात भगवान शिव का स्वरुप माना गया है और इस सम्पूर्ण संसार की कल्याणकारी वस्तुओं में से एक मुखी रुद्राक्ष सर्वोपरी माना जाता है।पौराणिक कथाओं व आधुनिक विज्ञानिकों द्वारा एकमुखी रुद्राक्ष को एक अद्भुद शक्ति शाली वस्तु माना जाता है। एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से मनुष्य अपनी इंद्रियों को वश में कर ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति की ओर अग्रसर होता है।
एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से जीवात्मा प्राणी के अन्दर उच्च रक्तचाप की समस्या को नियंत्रित किया जाता है। एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से मनुष्य की उसके शत्रुओं से रक्षा होती है। यहां तक कि धन प्राप्ति में भी एकमुखी रुद्राक्ष सहायक होता है।एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति गंभीर पापों से भी मुक्ति पा सकता है।यदि आप किसी भी समस्या से परेशान या भौतिक सुखों से वंचित हैं तो आप अपनी जन्मकुंडली के माध्यम से विश्वविख्यात ज्योतिषाचार्य सुनील बरमोला जी से संपर्क कर अपने बुरे योगों को मालूम कर एक सुखी जीवन यापन कर सकते।